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अवैध रूप से सैकड़ों नर्सिंग होम और क्लिनिक चल रहा हैं शहर में विभाग हैं मौन।

राजकमल कुमार /  खगड़िया / रिपोर्टर ।

बेलदौर बाजार में कुकुरमुत्ते के तरह प्राइवेट नर्सिंग होम फल फुल रहा है। स्थानीय चिकित्सा पदाधिकारी के नकारात्मक रवैया के कारण प्राइवेट नर्सिंग होम में ग्रामीणों का दोहन शोषण जारी है। कभी-कभार प्राइवेट नर्सिंग होम में यदि कोई मरीज की मौत हो जाता है तो मरीज के परिजनों ने सड़क जाम करने पर उतारू हो जाता है। इसी कड़ी में स्थानीय आर्यन हॉस्पिटल जो अवैध रूप से चल रहा है, उसमें लगातार ग्रामीणों से दोहन शोषण जारी है।

कभी-कभी उक्त नर्सिंग होम में कोई मरीज को दवाई लेने में पैसा की कमी हो जाती है तो उसे नर्सिंग होम के संचालक द्वारा उसे बैठा कर रखते हैं, जब तक पैसा उसे नहीं मिलता है,पैसा लेने बाद जाने दिया जाता है। बीते रविवार को करीब 7 बजे बोबील पंचायत के मोहनी वासा गांव से एक महिला का प्रसव कराने के लिए उनके परिजनों ने उक्त नर्सिंग होम पहुंचे, जहां बच्चा की मौत हो गया। मौत की खबर सुनकर स्थानीय चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुभाष रंजन झा ने दो सदस्य टीम को गठित कर जांच पड़ताल करने के लिए भेज दिया।

जांच पड़ताल कर कनिष्ठ कर्मियों ने अपने वरीय पदाधिकारी को जांच रिपोर्ट सौंपा। लेकिन उस पर कार्यवाही करने से भाग रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कहीं चिकित्सा पदाधिकारी उक्त नर्सिंग होम से मोटी रकम तो प्रत्येक माह नहीं लेते हैं। यह तो सोचने वाली बात है। दो माह पूर्व थाना रोड में चल रहे अवैध नर्सिंग होम समदर्शी में इतमादि गांव की महिला की मौत हो गई थी जो वहां के डॉक्टर क्लीनिक छोड़कर फरार हैं।

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