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नहाय खाय के साथ शुरु हुआ लोक आस्था का महापर्व चैती छठ पर्व।

पटना :-  सूर्य उपासना के महापर्व छठ की शुरुआत आज से हो रही है। पहले दिन नहाय खाय और सूर्य पूजा के साथ ही यह पर्व प्रारंभ हो गया है। चार दिवसीय महापर्व के लिए श्रद्धालुओं में सुबह से ही खासा उत्‍साह देखा जा रहा है। पर्व के दौरान चार दिनों तक श्रद्धा का सैलाब उमड़ेगा हालांकि कुछ स्‍थानों पर कोरोना संक्रमण के कारण सामूहिक पूजा नहीं होगी।छठव्रतियों ने पूरी निष्ठा एवं पवित्रता के साथ स्नानोपरांत छठ पर्व का अनुष्ठान प्रारंभ किया। जिसकी पूर्णाहुति सोमवार की सुबह उदीयमान सुर्य को अ‌र्घ्य अर्पित करने के साथ की जाएगी, तत्पश्चात व्रती पारण कर पर्व को विश्राम देंगे। इस बीच आज छठव्रती तालाब एवं जलाशयों में स्नान कर नववस्त्र धारण करेंगे।

नहाय खाय की तैयारी में छठ  व्रती फोटो।

 इस दौरान जल लेकर नए चुल्हे पर नवान्न से प्रसाद निर्मित कर भगवान भास्कर को अर्पण करेंगे। वहीं रविवार को सांध्यकालीन डूबते सूर्य एवं अगले रोज उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य समर्पित किया जाएगा। अपने आप में अनूठा सूर्योपासना का पर्व लोक कल्याण की भावना से ओतप्रोत है।

उगते सूर्य की पूजा हर कोई करता है लेकिन दुनिया का शायद पहला देश भारत है जहां डूबते सूर्य की भी पूजा होती है। बता दें कि सूर्य को आदिदेव भी कहा जाता है क्योंकि बिना सूर्य के जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। समस्त जीवों के पालन पोषण में सूर्य की रश्मि का होना अनिवार्य है। संभवत: इसी वजह से सृष्टि के आदिकाल से सूर्य की उपासना की जाती है।

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