

कृषि समन्यवयकों द्वारा विभागीय निदेशको प्रेषित ज्ञापन में उन्हें तबादले में नियम-प्रावधानों की अनदेखी कर गलत तरीके से तबादला किये जाने की जानकारी दी गयी है। गौरतलब हो कृषि समन्यवकों के तबादले के दौरान दिव्यांग कृषि समन्यवकों की हकमारी करते हुए मनमानी एवं अनियमितता बरती गयी है। सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि तबादले में कुछ ऐसे कृषि समन्यवकों पर विशेष मेहरबानी करते हुए एनकी पदस्थापना उनके गृह प्रखंड में कर दी गयी है।

अगर इस मामले की विभागीय स्तर से गंभीरता से जांच-पड़ताल की जाती है तो तबादले में जिम्मेवार पदाधिकारी द्वारा नियमों की अनदेखी का मामला स्पस्ट हो जायेगा। कुल मिलाकर जिले में किये गये कृषि समन्यवकों के तबादले का विवाद थमने के बजाय सुलगता ही जा रहा है। न्याय पाने के लिए हक अधिकार से वंचित किये गये कृषि समन्यवकों की गोलबंदी धीरे-धीरे तेज हो गयी है।

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