निशा सिंह रिपोर्टर/ पश्चिम बंगाल
दुर्गापुर: कुछ हफ्ते पहले संपन्न हो चुकी दुर्गा पूजा के साथ, काली पूजा बंगाल और असम में सबसे बड़ा त्यौहार है। पश्चिम बंगाल में काली पूजा की तैयारी शुरू हो चुकी है और बात करें अगर हम दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल) की तो यहां के कई इलाकों में काली पूजा के लिए पंडाल बनना शुरू हो चुका है। काली पूजा का समय दिवाली के दिन ही आती है, इसलिए भारत के अधिकांश लोग दीवाली पर देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं, जबकि हिंदू बंगाली, उड़िया, असामी और मैथिल इस दिन देवी काली की पूजा करते हैं।
बता दें कि काली पूजा के मद्देनजर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को राज्य के लोगों से सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी प्रदूषण संबंधी सभी दिशा-निर्देशों का पालन करने को कहा। साथ ही पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि राज्य में हरे पटाखों को छोड़कर पटाखों की बिक्री और फोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। काली पूजा के दौरान रात 8 बजे से रात 10 बजे तक हरे रंग के पटाखे फोड़ने की अनुमति दी गई हैै। देशभर में इस साल 4 नवंबर को दिवाली और काली पूजा एक साथ मनाई जाएगी।
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