धीरज की रिपोर्ट।
गयाजी के धर्म सभा भवन में बिहार के सभी विभागों में कार्यरत संविदाकर्मियों आउटसोसिंग एवं अवर्गीकृत कर्मचारियों का एक मगध प्रमंडलीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें बिहार राज्य संविदा कर्मी महासंघ का गठन हुआ। सभी संघों के बीच एकजुटता दिखाई है। महासंघ अपनी एक सूत्री मांग “सेवास्थायी एवं वेतनतान हेतु।आगामी 01 मई 2022 को पटना में महारैली महापंचायत आयोजित करेगा, जिसमें बिहार के 11 लाख संविदा, आउटसॉसिंग एवं अवर्गीकृत कर्मी जो कि बिहार के सभी घरो में एक दो की संख्या में हैं। साथ ही बिहार के सभी विभागों में 70 प्रतिशत से लेकर 100% (शतप्रतिशत) है, जो अपनी सेवा स्थायी एवं वेतनमान हेतु चरणबद्ध तरीके से शांतिपूर्वक बिहार सरकार से आग्रह करेगा।
बिहार के 11 लाख संविदा आउटसोसिंग एवं अवर्गीकृत कर्मी को विगत 15 साल से राज्य सरकार द्वारा समाजिक, आर्थिक एवं मानसिक शोषण कर उनके साथ ही 50 लाख परिवार को मुखमरी की स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है, जबकि विगत 15 सालो से संविदाकर्मियों के द्वारा
राज्य सरकार के विभिन्न कार्यालयों में बेहतर ढंग से कार्य कर कई कल्याणकारी योजनाओं को सफल बनाने में राज्य सरकार को योगदान दे रहें हैं।बिहार सरकार द्वारा महामहिम राज्यपाल महादेय के अनुमोदन से अनेक पत्र
संविदा आउटसॉसिंग एवं अवर्गीकृत कर्मी को अल्पलाभ देने के लिए निर्गत किया गया पर उसे भी राज्य सरकार एवं उनके विभिन्न विभागों द्वारा लागू नही किया जा रहा है। वेतनमान भी नहीं दिया गया है। राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है। इसके कारण 50 लाख आश्रित परिवार प्रभावित हो रहे है।
वहीँ दिनांक 24अप्रैल 2022 को जिला मुख्यालय पर रैली / पंचायत एवं विभिन्न तिथियों में बिहार के 09 प्रमंडल में प्रमंडलीय बैठक / समागम का आयोजन करेंगा।उक्त सम्मेलन में प्रदेश अध्यक्ष कमलेश कुमार कमल,कृष्णा सिंह, शंकर उपाध्याय, राधेकृष्ण सुरेंद्र कुमार, अशोक कुमार, संजय कुमार, राघवेन्द्र कुमार, आदि लोग उपस्थित रहे।
