संवाददाता
समस्तीपुर/ रोसड़ा शहर और आसपास सैकड़ो अवैध नर्सिंग होम एवं जांच घर का संचालन हो रहा है।
इसी अवैध नर्सिंग होम एवं जांच घर वालों के कारण न केवल लोगों की जान जा रही है बल्कि इनका शोषण भी हो रहा है। आए दिन समाचार पत्रों में अवैध नर्सिंग होम में मरीजों के जान जाने की खबर प्रकाशित होती रहती है और जब स्वास्थ्य विभाग या प्रशासन पर दबाव बनता है तो यह लोग यदा-कदा कार्रवाई कर शांत हो जाते हैं। कार्रवाई के उपरांत ऐसे नर्सिंग होमो के मालिक पैसों के आदान-प्रदान के कारण पुनः अपना नर्सिंग होम धड़ल्ले से चलाने लगते हैं। ऐसे नर्सिंग होम और जांच घर के पास न तो वैध लाइसेंस होते है और ना ही मानक के अनुसार सुविधा ।
वे अपने साइन बोर्ड पर एमबीबीएस या एमएस डॉक्टर का नाम लिखकर मरीज को ठगते हैं और झोलाछाप डॉक्टरों से इसका इलाज और ऑपरेशन तक करवा देते हैं, जिसके कारण मरीजों की जान तक चली जाती है। जिलाधिकारी , अनुमंडल अधिकारी और सिविल सर्जन को ऐसे गोरखधंधों का खूब पता होता है। परंतु वे कार्रवाई से बचते नजर आते हैं।
वही रोसड़ा शहर में यूआर कॉलेज रोड, शारदा नगर कॉलोनी , ब्लॉक रोड, स्टेशन रोड, के अलावे कई ऐसे गलियारों में अवैध नर्सिंग होम, निजी क्लीनिक और जांच घर,अल्ट्रासाउंड बिना निबंध का धड़ल्ले से चल रहा है। रोसड़ा शहर में एक वर्ष के अंदर निजी क्लीनिक में लगभग आधा दर्जन से ऊपर मरीजों की मौत हो चुकी है। उस समय भी कई जाने माने समाचारों पत्र और सोशल मीडिया पर चलाया गया था लेकिन रोसड़ा शहर के मेडिकल से जुड़े माफियाओं द्वारा मामला को लेनदेन कर रख कर दिया गया और मामले की ठंडा वास्ते में डाल दी गई। यह लोग अपनी कारोबार धड़ल्ले से चला रहा है।
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