रोसड़ा प्रखंड मुख्यालय को जोड़ने वाली मुख्य सड़क की हालत बेहद खराब हो चुकी है। पिछले कई सालों से सड़क जर्जर है। अब बारिश के कारण गड्ढों में पानी भर गया है। कीचड़ और जलजमाव से सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है।
इस सड़क से रोज़ाना हजारों लोग गुजरते हैं। स्कूल-कॉलेज जाने वाले छात्र-छात्राएं फिसल कर गिर रहे हैं। प्रखंड कार्यालय, अंचल कार्यालय, अनुमंडल अस्पताल और निजी अस्पतालों में इलाज कराने आने वाले मरीजों को भी परेशानी हो रही है। सरकारी दफ्तरों में काम से आने-जाने वाले कर्मचारी भी परेशान हैं।
इमरजेंसी मरीजों को ले जा रही एंबुलेंस और अन्य वाहन भी इस सड़क पर फंस जाते हैं। समय पर इलाज मिलना मुश्किल हो जाता है। सड़क के दोनों ओर दुकानदारों ने अतिक्रमण कर दुकानें फैला दी हैं। इससे सड़क और संकरी हो गई है। दोपहिया और चौपहिया वाहनों को निकलने में दिक्कत होती है। जाम की स्थिति आम हो गई है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से शिकायत की गई। लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। एक स्थानीय निवासी ने बताया, “इस सड़क की हालत करीब 5 साल से खराब है। अब बारिश में तो हाल और भी खराब हो गया है। छोटे-छोटे बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। कई बार प्रखंड कार्यालय में आवेदन दिया गया, लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिला।”
गृहिणी मीना देवी ने कही, “बाजार करने निकलना भी मुश्किल हो गया है। मुख्य सड़क जर्जर होने से बारिश में जल जमाव से लोगों को परेशानी हो रही है।
स्थानीय समाजसेवियों और जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन से सड़क की मरम्मत की मांग की है। लोगों का कहना है कि यह सड़क एकमात्र मुख्य मार्ग है। इससे हजारों लोगों की रोज़मर्रा की जिंदगी जुड़ी है। यदि जल्द निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ, तो आंदोलन किया जाएगा।
अब तक प्रशासन की ओर से कोई ठोस बयान या कार्ययोजना सामने नहीं आई है। इससे लोगों में नाराजगी है। आम लोगों का कहना है कि जब तक कोई दुर्घटना या जनआक्रोश नहीं होता, तब तक विभागीय उदासीनता बनी रहती है।