रोसड़ा के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. विमल भारती ने चिकित्सक दिवस पर कहा “चिकित्सा एक पेशा नहीं, मानव सेवा है”

हर वर्ष 1 जुलाई को पूरे देश में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस (National Doctors’ Day) मनाया जाता है। यह दिन देशभर के डॉक्टरों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने और उनके अतुलनीय योगदान को सम्मानित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर होता है। इसी क्रम में समस्तीपुर जिले के रोसड़ा शहर स्थित ‘भारती हॉस्पिटल’ के संस्थापक एवं वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. विमल भारती ने चिकित्सक दिवस के अवसर पर एक गंभीर और प्रेरणादायक संदेश देकर चिकित्सा क्षेत्र की सच्ची भावना को शब्दों में पिरो दिया।

“चिकित्सा केवल पेशा नहीं, यह मानव सेवा है” — डॉ. भारती
डॉ. विमल भारती ने देशभर के सभी डॉक्टरों को चिकित्सक दिवस की बधाई देते हुए कहा:
> “डॉक्टर को समाज में भगवान के समान स्थान दिया जाता है, क्योंकि वह न केवल रोगों का इलाज करता है, बल्कि आशा, सहानुभूति और जीवन के प्रति विश्वास भी लौटाता है। चिकित्सा सिर्फ एक करियर या आजीविका का साधन नहीं, बल्कि एक पवित्र सेवा है — मानव सेवा। और मानव सेवा, सभी सेवाओं में सर्वोच्च मानी जाती है।”

डॉ. भारती ने बताया कि देश के कोने-कोने में डॉक्टर, चाहे वे जनरल फिजिशियन हों, विशेषज्ञ, सर्जन या आयुर्वेदाचार्य, हर दिन लाखों जिंदगियों को बचाने में जुटे रहते हैं। विशेषकर महामारी जैसे संकटों के दौरान, डॉक्टरों ने जो योगदान दिया है, वह किसी युद्ध योद्धा से कम नहीं था। लेकिन चिकित्सक दिवस सिर्फ संकट के समय नहीं, हर दिन डॉक्टरों के कार्यों की सार्वजनिक स्वीकृति और सम्मान का प्रतीक होना चाहिए।

भारत में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस महान चिकित्सक और पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. बिधान चंद्र रॉय की स्मृति में मनाया जाता है, जिनका जन्म और निधन दोनों 1 जुलाई को ही हुआ था। यह दिन डॉक्टरों के नैतिक, सामाजिक और मानवीय कर्तव्यों की याद दिलाता है।
डॉ. विमल भारती न केवल एक कुशल चिकित्सक हैं, बल्कि समाजसेवा में भी सक्रिय रहते हैं। वे समय-समय पर निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर, ब्लड डोनेशन कैंप, और स्वास्थ्य जागरूकता अभियान चलाते हैं। ग्रामीण इलाकों में मेडिकल सुविधाएं पहुंचाने के उनके प्रयासों की स्थानीय लोग सराहना करते हैं। रोसड़ा और आसपास के क्षेत्रों में उनकी गिनती विश्वसनीय और संवेदनशील डॉक्टरों में होती है

चिकित्सक दिवस पर डॉ. भारती के विचारों को लेकर स्थानीय लोगों और मेडिकल समुदाय में गहरी सराहना देखी गई। एक मरीज के परिजन ने कहा, “डॉ. साहब हमेशा मरीज को पहले इंसान की तरह देखते हैं, उनकी फीस नहीं, भावना ज्यादा बड़ी होती है।”

निष्कर्ष:
चिकित्सक दिवस के अवसर पर डॉ. विमल भारती द्वारा दिया गया संदेश हमें यह याद दिलाता है कि डॉक्टर केवल एक चिकित्सक नहीं, बल्कि समाज के अदृश्य स्तंभ हैं। उनकी सेवा को केवल मरीज नहीं, पूरा समाज सलाम करता है। चिकित्सा यदि व्यवसाय बन जाए, तो उसका मूल्य कम हो जाता है, लेकिन जब वह सेवा बनती है — तब वह ईश्वर के कार्य के समकक्ष हो जाती है।

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