काली पट्टी बाँधकर अभियंताओं ने जताया विरोध

विद्युत कनीय अभियंता संघ, बिहार के आवाहन पर बुधवार को रोसड़ा सहित पूरे राज्य में कार्यरत सैकड़ों अभियंताओं ने काली पट्टी बाँधकर प्रतीकात्मक विरोध दर्ज कराया। यह विरोध विभागीय उपेक्षा, निजीकरण और असहनीय कार्य स्थितियों के खिलाफ था। अभियंताओं ने शांतिपूर्ण हस्ताक्षर अभियान चलाया।

यह आंदोलन राष्ट्रीय समन्वय समिति द्वारा देशभर में DISCOM के निजीकरण के खिलाफ चलाए जा रहे राष्ट्रव्यापी आंदोलन को समर्थन देने के लिए किया गया। अभियंताओं ने अपनी सात प्रमुख माँगों को लेकर विभागीय प्रबंधन को ज्ञापन सौंपा। इनमें प्रोन्नति में हो रहे अन्याय और संशोधित भर्ती नीति के उल्लंघन का मुद्दा शामिल है। 24×7 कॉल ड्यूटी प्रणाली से स्वास्थ्य और पारिवारिक जीवन पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभाव को भी उठाया गया।

अभियंताओं ने ऑनलाइन सामग्री और भंडारण वितरण प्रणाली की त्वरित स्थापना की माँग की। फर्जी FIR और विभागीय उत्पीड़न के विरुद्ध विधिक सुरक्षा की माँग भी की गई। कैशलेस चिकित्सा सुविधा, क्षतिपूर्ति अवकाश और नाइट ड्यूटी भत्ते जैसे लंबित लाभों के शीघ्र निष्पादन की माँग की गई। कार्य का स्पष्ट वितरण और विभिन्न विंग्स में रिक्तियों की पूर्ति की बात भी रखी गई। साथ ही अन्यायपूर्ण विभागीय कार्रवाइयों पर रोक लगाने की माँग की गई।

संघ के महामंत्री इंजीनियर शारिक असीर ने कहा कि यह विरोध केवल प्रतीकात्मक चेतावनी है। यदि एक सप्ताह के भीतर विभागीय स्तर पर कोई ठोस संवाद या कार्रवाई नहीं हुई, तो संघ चरणबद्ध आंदोलन करेगा। इसकी पूरी जिम्मेदारी विभागीय प्रबंधन की होगी।

रोसड़ा में अभियंता टीपू सुल्तान, आशीष कुमार और नीतीश कुमार ने अनुशासित और शांतिपूर्ण ढंग से विरोध दर्ज कराया। उन्होंने कहा कि तकनीकी कर्मियों की उपेक्षा अब और बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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