रोसड़ा प्रखंड कृषि कार्यालय में किसान गोष्ठी का आयोजन, जलवायु अनुकूल कृषि अपनाने पर दिया गया जोर।

रोसड़ा प्रखंड कृषि कार्यालय के सभागार में प्रखंड स्तरीय किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी का मुख्य विषय जलवायु अनुकूल कृषि रखा गया था। कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर प्रखंड प्रमुख ने किया ।इस अवसर पर प्रखंड उप प्रमुख, प्रखंड किसान सलाहकार समिति के अध्यक्ष, प्रखंड विकास पदाधिकारी राकेश कुमार, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, प्रखंड कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के अध्यक्ष नोनू प्रसाद झा एवं उपाध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रखंड प्रमुख ने कहा कि वर्तमान समय में जलवायु परिवर्तन खेती के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। ऐसे में किसानों को पारंपरिक खेती के साथ-साथ वैज्ञानिक और जलवायु अनुकूल तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता है, ताकि कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सके।

प्रखंड विकास पदाधिकारी राकेश कुमार ने कहा कि सरकार द्वारा किसानों के हित में कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनका लाभ उठाकर किसान अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं। उन्होंने किसानों से विभागीय योजनाओं की जानकारी लेकर उसका सही उपयोग करने की अपील की।प्रखंड कृषि पदाधिकारी ने जलवायु अनुकूल कृषि की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बदलते मौसम के अनुरूप फसल चयन, समय पर बुआई, जल संरक्षण, सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली और उन्नत बीजों के प्रयोग से खेती को सुरक्षित एवं लाभकारी बनाया जा सकता है।गोष्ठी में सहायक तकनीकी प्रबंधक शशि कुमार ने तकनीकी खेती पर विस्तार से जानकारी दी। 

उन्होंने किसानों को मृदा परीक्षण, संतुलित उर्वरक प्रयोग, जैविक एवं प्राकृतिक खेती, कीट-रोग प्रबंधन तथा आधुनिक कृषि यंत्रों के उपयोग के बारे में बताया।कार्यक्रम का संचालन कृषि समन्वयक विजय कुमार ने किया। उन्होंने उपस्थित किसानों को विभागीय योजनाओं, प्रशिक्षण कार्यक्रमों एवं अनुदान से संबंधित जानकारी दी।इस किसान गोष्ठी में प्रखंड तकनीकी प्रबंधक, सहायक तकनीकी प्रबंधक, कृषि समन्वयक, किसान सलाहकार सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे। 

कार्यक्रम के दौरान किसानों ने अपनी समस्याएं रखीं, जिनका समाधान कृषि विशेषज्ञों द्वारा किया गया। कार्यक्रम का समापन किसानों को जलवायु अनुकूल कृषि पद्धतियों को अपनाने का संकल्प दिलाते हुए किया गया। गोष्ठी का मुख्य उद्देश्य किसानों को आधुनिक तकनीक से जोड़कर उनकी आय बढ़ाना और खेती को टिकाऊ बनाना बताया गया।

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