
नवादा उत्पाद विभाग की टीम ने रजौली जांच चौकी पर रविवार की अहले सुबह करीब दो बजे वाहन जांच के दौरान एक यात्री बस से लगभग 45 किलो गांजा के साथ पांच धंधेबाज को गिरफ्तार कर लिया है।

उत्पाद टीम का नेतृत्व कर रहे हैं निरीक्षक राम प्रीति कुमार ने बताया कि मद्धनिषेध के तहत प्रत्येक दिनों की भांति उत्पाद अधीक्षक नवादा अनील कुमार आजाद के निर्देशानुसार झारखंड की ओर से आने वाली छोटी बड़ी वाहनों का सघन जांच अभियान चलाया जा रहा था। इसी बीच झारखंड से आ रहे जय माता दी नामक जेएच 01 सीसी 4581 बस जो की रांची से बेतिया जाती है।

उसे जांच के लिए रोका गया। जांच के दौरान पांच बैग में 45 किलो गांजा बरामद किया गया।तत्पश्चात वाहन के चालक व उपचालक की पहचान पर बस में सवार 5 लोगों को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया।

गिरफ्तार लोगों को ऊपर एनडीपीएस के तहत उत्पाद पुलिस के द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।उन्होंने बताया कि धंधेबाज के रूप में पहचान रुपईटांड़ थाना भितहा जिला पश्चिम चंपारण बेतिया निवासी स्व. भोज पटेल के पुत्र प्रेम पटेल, बृजेंद्र यादव के पुत्र प्रिंस कुमार, अर्जुन कुशवाहा के पुत्र भोला कुमार कुशवाहा,योगेंद्र यादव के पुत्र छोटू यादव एवं उमेश कुमार गुप्ता के पुत्र सुदर्शन गुप्ता के रूप में की गई है।

इधर पकड़े गये तस्करों में दो लोग भोला कुमार एवं छोटू कुमार यादव को छोड़ने के एवज में उत्पाद विभाग के सिपाही रमेश कुमार ने 20 हजार रुपये अपने पर फोन पेय पर तस्कर के परिजन के द्वारा ट्रांसफर करवाया है।लेकिन मामला खुल जाने के बाद उत्पाद अधीक्षक अनिल कुमार आजाद के कानो तक पहूंचा। फलस्वरूप उत्पाद अधीक्षक ने पांचों तस्करों को गिरफ्तार कर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश उत्पाद निरीक्षक को दिया।साथ ही सभी के ऊपर प्राथमिकी दर्ज कर जेल भेजने को कहा।उत्पाद अधीक्षक ने बताया कि पैसे लेने की जानकारी हमें भी मिली है।इसकी जांच कर अविलंब सिपाही रमेश कुमार पर कार्रवाई की जाएगी।प्राप्त जानकारी के मुताबिक झारखंड की ओर से आने वाली बसों से भी वहां पर उत्पाद पुलिस के द्वारा प्रत्येक बस 50 रूपये की नाजायज वसूली की जाती है।इस बात की भी जानकारी पर उन्होंने बताया कि बीते दिनों भी लोगों के ऊपर आरोप लगा थाा, उस वक्त हम नहीं थे। लेकिन अब जब हम यहां हैं तो इन लोगों के ऊपर कार्रवाई की जा रही हैै।पिछली बार उत्पाद सिपाही राजीव कुमार एवं संतोष कुमार के उपर वाहन जांच करने के दौरान झारखंड के धनबाद निवासी मो. इकबाल ने लिखित आवेदन देकर शिकायत की थी। उस वक्त विभागीय कार्रवाई की बात कह कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था।
उत्पाद अधीक्षक ने बताया कि सिपाही समेत तीन लोगों का वेतन बंद किया हुआ है।इनके ऊपर विभागीय कार्रवाई के लिए लिखा गया है।उन्होंने बताया कि जांच चौकी पर पूरी मुस्तैद एवं निष्पक्ष रुप से जांच अभियान चलाया जाएगा।जिससे किसी को कोई परेशानी नहीं होगी गलत करने वाले लोगों के ऊपर कार्यवाही की जाएगी।उन्हें किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।सूत्रों की माने तो बीते 23 फरवरी को चितरकोली से जंगल के रास्ते पननमा माइंस के समीप उत्पाद सिपाही ने एक कार से शराब ले जाने पर पकड़ा था। बाद में कारोबारी से उत्पाद विभाग की टीम ने सांठगांठ कर डेढ़ लाख रुपए में छोड़ने की बात लोकल ग्रामीण के द्वारा सेटिंग कर आया था।
जिसमें कारोबारी के द्वारा 75 हजार रुपये मौके पर ही दे दी गई थी।बाकी रकम माल पहुंचा देने के बाद वापस लौटने पर देने की बात कही गई थी।तत्पश्चात भरोसेे पर शराब धंधेबाज को उत्पाद टीम के द्वारा प्रतिनियुक्त ग्रामीण ने उसे छोड़ दिया था।धंधेबाज शराब की खेप पहुंचा कर दोबारा वहां पहुंचा एवं उत्पाद टीम के द्वारा प्रतिनियुक्त ग्रामीण को पैसे देने की बात कहकर बुलाया।उसके आने के बाद कारोबारियों ने अपने सहयोगियों के साथ उसके ऊपर हमलाा कर दिया। मारपीट करने साथ हीं पूर्व में दिए गए 75 हजार रुपये भी उससे वापस लिए एवं चलता बना।इस बात की जानकारी जब उत्पाद टीम में भी हुई तो वे लोग चुप्पी साध गए एवं इस बात से पल्ला झाड़ लिया था।इस तरह की कई ऐसे मामले हैं जो पर्दे के पीछे रह जाते हैं।जो मामले सामने होते हैं, उस पर कार्रवाई का ढिंढोरा पीटते हुए कुछ दिनों तक बात चलती है।फिर उस बात को भी ठंडे बस्ते में लेनदेन कर डाल दिया जाते हैं जिससे लोगों को शराबबंदी विफल नजर आ रही है।

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