

पानी से बदबू आने के कारण वहां के लोगों को कई बीमार बीमारी पनपने का डर सता रहा। लेकिन वहां के स्थानीय जनप्रतिनिधि इन समस्याओं से खबर । ग्रामीणों का बताना है कि शिकायत के बावजूद ग्रामीणों की समस्या को दूर नहीं किया जा रहा ।



शिव नारायण महतो ने बताया कि भिरहा पूरब पंचायत और भरवारी पंचायत के बॉर्डर हैं भिरहा पूरब के मुखिया को कहते हैं तो वह भरवारी पंचायत के मुखिया के ऊपर फेंक देते हैं उनको जाकर कहते हैं तो भिरहा पूर्व पंचायत के मुखिया पर फेंक देते कि उनका काम है वह करवाएंगे लेकिन दोनों पंचायत के मुखिया के बीच यहां हम लोग पीसा आ रहे हैं।

ग्रामीण संतोष कुमार एवं अन्नू पासवान ने बताया कि वार्ड नंबर 1 के लोगों को जिंदगी नर्क जैसी हो गई है पानी निकासी के नाम पर लूट हुई है नाला जाम है जिस कारण पानी की बहाव नहीं हो पाती है इसलिए पानी इस जगह पर लगी हुई है कोरोना काल भयानक स्थिति में भी अगर पानी की बहाव नहीं हुई तो पानी की शरण एवं दुर्गंध से हैजा जैसी बीमारी उत्पन्न हो जाएगी।।

ग्रामीणों ने यह भी कहा कि वर्ष 2008 में लगभग ₹900000 का योजना आया था नदी उड़ाही के नाम पर लेकिन वह भी कागज के पन्नों पर ही सिमट कर रह गया। ग्राम स्वच्छता को लेकर सरकार कई योजनाएं चला रही अधिकारी व जनप्रतिनिधि के उदासीन रवैया के कारण गांव की तस्वीर नहीं बदल रही।
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