मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे पितृपक्ष मेला महासंगम 2022 का उद्घाटन

धीरज गुप्ता की रिपोर्ट।
   गया  मुख्यमंत्री बिहार के कर-कमलों द्वारा मोक्षदायिनी फल्गु नदी पर विष्णुपद मंदिर के पास “गया जी डैम” एवं सीताकुण्ड जाने हेतु पुल का लोकार्पण फल्गु नदी तट पर दोपहर 1:00 बजे किया जाएगा इसके साथ ही पितृपक्ष मेला महासंगम 2022 का उद्घाटन भी किया जाएगा। इस शुभ अवसर पर आप सभी गया वासी  सादर आमंत्रित हैं।जिला प्रशासन, गया जिले के आम जनों से अपील करता है कि गयाजी डैम का लोकार्पण तथा पितृपक्ष मेला 2022 के उद्घाटन कार्यक्रम में आये।इस कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि म उप मुख्यमंत्री बिहार श्री तेजस्वी प्रसाद यादव है। जिला पदाधिकारी गया डॉ० त्यागराजन एसएम ने कहा कि यह पितृपक्ष मेला विगत 2 वर्षों के बाद मनाया जा रहा है। इस वर्ष पितृपक्ष मेला में पूर्व वर्षो की अपेक्षा में अधिक संख्या में तीर्थयात्री के आने का पूरा अनुमान है, इसे ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन द्वारा सभी आवश्यक तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं ताकि किसी भी तीर्थ यात्रियों को कोई परेशानी ना हो।  तीर्थ यात्रियों के बेहतर सुविधा के लिए गांधी मैदान में तीन टेंट सिटी का भी निर्माण कराया गया है। टेंट सिटी का निर्माण पितृपक्ष मेला के दौरान पहली बार किया गया है, जिससे तीर्थ यात्रियों को काफी सुविधा मिलेगा।
 जिला पदाधिकारी ने कहा कि पूर्व के वर्षों में फल्गु नदी में पानी नहीं रहने के कारण पिंडदानियो को तर्पण देने में काफी कठिनाइयां होती थी। म मुख्यमंत्री बिहार के कुशल नेतृत्व में फल्गु नदी के तट पर विष्णुपद मंदिर के नजदीक सालों भर जल उपलब्ध कराने हेतु गयाजी डैम का निर्माण करवाया गया।

विष्णुपद मंदिर के निकट फल्गु नदी के सतही प्रवाह को रोकने के लिए 3 मीटर ऊंचा एवं 411 मीटर की लंबाई में भारत का सबसे लंबा रबर डैम का निर्माण करवाया गया है, जिसमें 65- 65 मीटर लंबाई के 06 span हैं। इसके रबर ट्यूब में आधुनिक स्वचालित विधि से हवा भरी एवं निकाली जा सकती है, जिसके कारण फल्गु नदी के जल के प्रवाह एवं भंडारण को प्रभावी रूप से संचालित किया जा सकेगा। इसके साथ ही श्रद्धालुओं के विष्णुपद घाट से सीताकुंड तक पिंडदान हेतु जाने के लिए रबड़ डैम के ऊपर 411 मीटर लंबा स्टील पैदल पूल का भी निर्माण किया गया है इसके साथ ही स्टील पैदल पुल से उतरकर सीताकुंड तक पहुंचने के लिए पैदल पथ भी तैयार किया गया है साथ ही श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पुराने घाट की चौड़ाई को बढ़ाते हुए टाइल्स लगे हुए कंक्रीट घाट का निर्माण कराया गया है। श्रद्धालुओं द्वारा पिंडदान के समय उपयोग किए जा रहे नदी के पानी की स्वच्छता बनाए रखने के लिए बाएं तट पर 752 मीटर की लंबाई में भूमिगत मनसरवा नाला का भी निर्माण किया गया है।

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