Samastipur / ROSERA :- रक्षाबंधन की पूर्व संध्या पर एक अनोखा और भावपूर्ण आयोजन देखने को मिला, जब देशभर में 6 लाख से अधिक बहनों-बेटियों के सम्मान में पौधरोपण करने वाले प्रसिद्ध पर्यावरणविद ‘ऑक्सीजन मैन’ राजेश कुमार सुमन को सैकड़ों बहनों ने “सांसे हो रही हैं कम, आओ पेड़ लगाएं हम” जैसे पर्यावरणीय संदेशों से सजी राखी अपने हाथों से बनाकर बांधी।
यह विशेष कार्यक्रम दुनिया की पहली “ग्रीन पाठशाला” के रूप में चर्चित BSS क्लब रोसड़ा में आयोजित किया गया, जिसमें समस्तीपुर, बेगूसराय, दरभंगा और खगड़िया जिलों से सैकड़ों पर्यावरणप्रेमी बहनों ने भाग लिया। राखी बांधने के साथ-साथ बहनों ने “जल बचाओ, जीवन बचाओ” और “पर्यावरण बचाओ, देश बचाओ” जैसे नारों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संकल्प भी लिया।
राजेश कुमार सुमन, जिन्हें ग्लोबल एनवायरनमेंट एंड क्लाइमेट चेंज लीडर तथा पर्यावरण सांसद के नाम से अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है, ने इस अवसर पर भावुक होकर कहा:
> “मेरे जीवन का सबसे अनमोल तोहफा यह है कि मेरी बहनों ने पर्यावरण को अपने रिश्तों में शामिल कर लिया है। मैं यह वादा करता हूं कि जब तक सांसें हैं, पेड़ लगाता रहूंगा और प्रकृति के लिए काम करता रहूंगा।”
राजेश सुमन ने इस अवसर पर अपनी सभी बहनों को “हरित उपहार” के रूप में चीकू के पौधे भेंट किए और उनके साथ मिलकर पौधों में राखी बांधते हुए पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया।
राजेश सुमन ने न केवल विदेश मंत्रालय जैसी प्रतिष्ठित नौकरी को त्यागा, बल्कि अब तक 1 लाख किलोमीटर की ‘ऑक्सीजन बचाओ हरित यात्रा’ पूरी करते हुए देश के करोड़ों लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक किया है। उनकी पहल से लाखों लोग पेड़ लगाने और उनके संरक्षण के लिए प्रेरित हो चुके है।
इस रक्षाबंधन पर बहनों द्वारा किया गया यह आयोजन सिर्फ एक भाई को राखी बांधने का कार्यक्रम नहीं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के लिए एक सामाजिक आंदोलन का प्रतीक बन गया है। यह दिखाता है कि परंपराएं और पर्यावरण दोनों साथ-साथ चल सकते हैं।
इस प्रेरक पहल ने यह साबित कर दिया कि यदि भाई-बहन के रिश्ते में प्रकृति को भी जोड़ दिया जाए, तो यह रिश्ता और भी मजबूत, अर्थपूर्ण और सामाजिक रूप से उपयोगी बन जाता है।
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