
कोरोना संक्रमण को देखते हुए बिहार सरकार के गाइड लाइन की धज्जियां बस संचालकों एवं दुकानदारों के द्वारा उड़ाते हुए नजर आते हैं । मालूम हो कि बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए बिहार सरकार ने मॉल, सिनेमा हॉल ,ट्रेन बसों तथा दुकानदार एवं ग्रामीणों को सोशल डिस्टेंस और मास्क का प्रयोग करने को कहा गया। लेकिन बस संचालक के द्वारा बसों में ना तो सोशल डिस्टेंस का पालन हो रहा है ना कोई यात्री मास्क लगाए हुए हैं, जिससे कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बनता जा रहा है, यहां तक की बस संचालकों के द्वारा सोशल डिस्टेंस के नाम पर दोगुनी भाड़ा कर यात्रियों से अवैध वसूली की जा रही है।


इस बात की जानकारी जिला प्रशासन से लेकर सभी वरीय पदाधिकारी अवगत तो होंगे, लेकिन फिर भी जिला प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती है, जब तक जिला प्रशासन बस संचालकों के ऊपर कार्रवाई कर बसों में भीड़ को काबू करें। जहां तक की बसों में सोशल डिस्सेंट्स मास्क सैनिटाइजर आवश्यक है। लेकिन किसी बसों में नहीं देखी गई।

वही दुकानदार बिना मास्क एवं बिना मास्क के धड़ल्ले से बाजार में घूमते फिरते नजर आ रहे हैं। जबकि 1 वर्ष पूर्व मुखिया के द्वारा सभी को मास्क वितरण किया गया था। सभी लोग मास्क लेकर कचरे के ढेर में फेंक दिया।जिस कारण बिहार सरकार का पैसा पानी की तरह मास्क के नाम पर बहाया गया। जब तक जिला प्रशासन की ओर से कोई कठोर कार्रवाई नहीं की गई तो ग्रामीण लोग बिना मास्क के ही बसों एवं भीड़भाड़ जगहों में घूमते नजर आते रहेंगे।
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