BIHAR INDIA

जरा सभंलकर चलिये बाबू साहब, आप छौड़ाही प्रखंड की सड़क पर चल रहे हैं।

बलवंत कुमार चौधरी (बेगूसराय)


(बेगूसराय) : पक्की सड़क का मतलब चमाचम दौड़ते वाहनों से गुलजार सड़क तो आप भूल कर रहे हैं। आप छौड़ाही प्रखंड में हैं। यहां पक्की सड़कों का मतलब है हजारों गड्ढा वाली खतरनाक सड़कें। सड़क पर कहां कब आपका हाथ पैर मुंह टूट फूट सकता है , इसकी कोई गारंटी नहीं ले सकता। इन सड़कों की स्थिति का संज्ञान प्रखंड से राज्य तक के बड़े अधिकारियों को है।जनप्रतिनिधियों का तो यह इलाका है हीं।सभी लोग प्रखंड की सड़कें चकाचक कर देने की बात कह रहे थे। लेकिन ना जाने किस कारणवश इन सड़को का उद्धार नहीं हो रहा है। ग्रामीण एवं राहगीर परेशान हैं। हजारों प्रखंडवासी को विश्वास था कि कोई उद्धारक आएगा और इन सड़कों का कायाकल्प कर देगा। भ्रम टूटा और सड़कों का उद्धार नहीं हुआ तो अब क्षेत्र आने वाले जनप्रतिनिधियों से लोग सवाल कर रहे हैं।
सड़कों की दुर्दशा ।
दस पंचायत में विभक्त है छौड़ाही प्रखंड। कुछ पंचायत की सड़कों का हाल स्थानीय निवासी झुटकी सहनी , संतोष यादव , सतीश सिंह ,अशोक राम आदि की जुबानी। सहुरी पंचायत से गुजरने वाली रोसड़ा बड़ैपुरा सकरपुडा़ हसनपुर सड़क, नारायणपीपर, सावंत, सिहमा एवं अमारी पंचायत की लाइफ लाइन चेरियाबरियारपुर, छौड़ाही, सिहमा चौफेर चौक सड़क, शाहपुर पंचायत से गुजरने वाली भोजा मिल्की पथ में हरेक पांच दस मीटर पर बड़ा बड़ा गड्ढा बन गया है। हद तो यह कि प्रखंड कार्यालय के सामने 100 मीटर सड़क ध्वस्त है। कीचड़ से होकर रोज अधिकारी गुजरते हैं लेकिन मरम्मत तक नहीं करवा पाते हैं।पंचायत, जिला पर्षद, प्रधानमंत्री योजना आदि विभिन्न योजनाओं से बनी तमाम मुख्य सड़क से जोड़ने वाली पक्की सड़कों पर गर्मी के मौसम में भी सड़क पर कीचड़ जमा रहता है।कदम कदम पर जानलेवा गड्ढा के कारण पनसल्ला, नारायणपीपर, ईजराहा, सिहमा, अमारी, धन्नू टोल आदि गांव के हजारों लोग लोग जान हथेली पर रखकर इन सड़कों से गुजरते हैं। दूसरा विकल्प नहीं होने के कारण मजबूरी मे वाहन या पैदल आवागमन कर रहे लोग रोजाना इन गड्ढों में फंसकर अपना हाथ मुंह जख्मी करवा रहे हैं। विद्दानंद राय , मोहम्मद दानिश आलम, अरविंद कुमार महतो, शिवशंकर सिंह आदि सैकड़ों लोगों ने कई बार प्रखंड मुख्यालय पर प्रदर्शन धरना देकर प्रखंड से लेकर राज्य तक के बड़े अधिकारियों मंत्री विधायकों को आवेदन दे इन सड़कों को चलने लायक बनवाने की मांग की है। लेकिन किन्हीं ने इन हजारों लोगों की दर्द को नहीं सुना। सड़क दिनों दिन और खतरनाक होती जा रही है। लोग अब मजाक मे एक दूसरे से कहने लगे हैं जरा संभलकर यह छौड़ाही की पक्की सड़के हैं। इन सड़कों पर चलने से हाथ मुंह तोड़फोड़ की पूर्ण गारंटी दी जा रही है।

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