बलवंत कुमार चौधरी
(बेगूसराय) : लॉक डाउन के दौरान पुलिस का मानवीय चेहरा, शोशल मीडिया, अखबार एवं टीवी पर बार-बार दिखाया जा रहा है। अपने जिले में भी ऐसे सहृदय अच्छे पुलिसकर्मियों की कमी नहीं है। लेकिन, कुछ पुलिसकर्मियों के व्यवहार के कारण महकमा बदनाम होने लगा है। यह पुलिसकर्मी छौड़ाही ओपी में तैनात हैं जो पागलों की तरह घर के दरवाजे पर बैठे, राशन लेने एवं दवा लेने जा रहे लोगों एवं समाचार संकलन कर रहे मिडिया कर्मियों को बेरहमी से पीट रही है।
बेरहमी से कर रहे पिटाई : छौड़ाही बाजार के शिव मंदिर चौक स्थित अपने घर पर बैठे साह परिवार के बाप बेटे एवं घर की महिलाओं तक को छौड़ाही पुलिस के वाहन चालक अर्जुन कुमार महतो एवं पुलिस के जवानों ने एकाएक पिटाई प्रारंभ कर दी। आरोप लगाया कि आप घर से बाहर हैं। हम गरीब आदमी हैं, घर में बहू है। इस छोटे से घर के दरवाजे पर हम बैठे हुए हैं। पुलिस बल पर आरोप लगाया कि ड्राइवर एवं पुलिस जवान को मुफ्त में हम पान नहीं खिलाए थे। उसी का बदला ले रहे हैं। मारते वक्त भी पुलिस जवान यह बात कर रहे थे। इसी तरह राशन दुकान से एक ग्राहक को सामान दे रहे भोजा निवासी ठाकुरदास की पत्नी को एसडीएम डीएसपी के सामने ही पुलिस जवान बेरहमी से पीटने लगे। आरोप लगाया कि दुकान खोला है जबकि सरकार ने सुबह 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक राशन दुकान खोलने का आदेश दे रखा है। छौड़ाही, राजोपुर, आदि गांव की कुछ महिलाएं डीलर की सूचना पर राशन लेने प्रयाप्त दूरी बना कर जा रही थीं। उन्हें भी बेमतलब पीट दिया गया। दूध लेकर आ रहे बुजुर्ग को पुलिस वालों ने पीट दिया। इसी तरह एक टीवी चैनल के पत्रकार को इसलिए छौड़ाही ओपी के चालक ने पीट दिया कि उन्होंने उनके विरुद्ध छह महीने पहले एक खबर दिखाई थी जिस कारण उन्हें कुछ दिनों तक थाना छोड़ना पड़ा था। इस तरह बदला साधने के कई मामले छौड़ाही क्षेत्र में रोज आ रहे हैं। हद तो यह है कि अधिकारी हाथ पकड़कर इन जवानों को महिलाओं पर हाथ नहीं उठाने की बात कर रहे हैं लेकिन, पुलिस उनके बात को भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। सिर्फ शुक्रवार और शनिवार को ही इस तरह की 15 से ज्यादा घटना सामने आ चुकी है। लोगों का कहना है कि बेमतलब घूमने बालों पर जो कार्रवाई करनी है प्रशासन करें कानून पालन करने वाले को क्यों पीटा जा रहा है।
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