बिना स्थल जांच किए सैकड़ों किसानों का फसल क्षति आवेदन किया गया रद्द , किसानों में आक्रोश। इस संबंध में मिला है आवेदन कर रहे हैं जांच , प्रखंड कृषि पदाधिकारी।
(बेगूसराय) : छौड़ाही प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में किसानों ने विगत अप्रैल माह में गेहूं एवं अन्य रबी फसल के व्यापक क्षति पर अनुदान देने के निर्धारित अवधि में ऑनलाइन आवेदन किया। जिला कृषि पदाधिकारी की ओर से भी पंचायत और प्रखंड स्तर के कृषि कर्मियों को किसानों के खेत में घूम घूमकर फसल क्षति के लिए सूक्ष्मता से जांच का आदेश दिया गया था। पंचायत स्थित किसान सलाहकारों ने किसानों के फसल क्षति का मूल्यांकन कर कृषि समन्वयक एवं प्रखंड कृषि पदाधिकारी को रिपोर्ट भी दिया। लेकिन, कृषि समन्वयकों ने किसानों के खेतों में जाना वाजिब नहीं समझे और सभी आवेदन को आधारहीन बताकर रिजेक्ट कर दिया। जिससे किसानों में भाड़ी आक्रोश व्याप्त हो गया है।
इस संबंध में किसानों ने प्रखंड कृषि पदाधिकारी, एवं जिला कृषि पदाधिकारी को आवेदन भी दिया लेकिन वरीय पदाधिकारियों के द्वारा किसानों की मांग पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
अब आजिज किसानों ने अपनी समस्या भाजपा किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष रामकुमार वर्मा से कहा तो उन्होंने प्रखंड कृषि पदाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा और उसमें प्रखंड स्थित सारे आवेदनों की संख्या स्वीकृत/ अस्वीकृत आवेदनों की संख्या की सूची की मांग पत्र कर दी है।
* मालपुर पंचायत के किसान संतोष शर्मा जिनका १०० % फसल क्षति हुआ इसके बावजूद कृषि समन्वयक को क्षति नहीं दिखाई दी । किसान संतोष शर्मा फोटो।
कृषि समन्वयक की मनमानी : मालपुर और सहुरी के किसान बिजय शंकर सिंह, संतोष शर्मा, गंगा प्रसाद सिंह, शिवदेव सिंह, होरिल महतो, विनय कुमार यादव, चंद्रभूषण प्रसाद, संतोष यादव समेत दर्जनों किसान का आवेदन उनको बिना सूचना दिए एवं बिना स्थल जांच किए रद्द कर दिया। सहुरी से हरदेव यादव, विनोद कुमार सिंह, कैलाश यादव, राम उदित यादव, हेमंत कुमार, संजय कुमार सिंह, गौरव कुमार , राजेंद्र यादव , रामसखा पासवान समेत दर्जनों किसान के आवेदन रद्द किए गए। एकंबा पंचायत के विपिन कुमार सिंह के लगभग 4 एकड़ से अधिक फसल पूरी तरह नष्ट हो गई, इस बारे में पंचायत के मुखिया राजेश कुमार सिंह ने कृषि समन्वयक , प्रखंड कृषि पदाधिकारी एवं जिला कृषि पदाधिकारी को भी सूचना दी। लेकिन इनकी सूचना पर ध्यान नहीं दिया गया। एकंबा पंचायत के मुखिया राजेश कुमार ने तो यहां तक कहा कि फसल क्षति में वास्तविक किसान को लाभ नहीं देने के एवज में असेंबली क्वेश्चन कराएंगे।
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