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हरकत में आया प्रशासन, अधिकारियों ने सरकारी अमीन से कराई भूमि की नापी, गैरमजरूआ आम भूमि में पाया गया धार्मिक निर्माण।

बलवंत चौधरी(सबकी खबर आठों पहर न्यूज़ रूम)

* धार्मिक स्थल पर आपत्ति जताने वाले आवेदक मोहम्मद कलाम ने अंचलाधिकारी को दिया आवेदन, कहा पहले वाला आवेदन कर दिया जाए वापस।

(बेगूसराय) : छौड़ाही ओपी क्षेत्र के नारायणपीपड़ पंचायत अंतर्गत बड़ीजाना गांव में विगत पांच दिनों से स्वयंभू तुलसी एवं पीपल पौधा और बजरंग बली की प्रतिमा को हटाने व रहने देने के सवाल पर दो समुदाय में तनाव व्याप्त है। इस संदर्भ में दैनिक जागरण समाचार पत्र में 14 सितंबर सोमवार के अंक में खबर प्रकाशित होने के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है। लगातार अधिकारियों का दौरा हो रहा है। मंगलवार को उक्त जमीन की अंचल प्रशासन द्वारा नापी भी कराया गया।

वहीं इस तमाम विवाद में एक आवेदन काफी चर्चा में आ गया है। धार्मिक संरचना पर आपत्ति जताने वाले आवेदक ने उन्हें फंसाने की नियत से विपक्षी द्वारा धोखा में रख कर अंचलाधिकारी को आवेदन देने एवं पहले वाला आवेदन वापस कर देने की गुहार अंचलाधिकारी लगाई है। जिससे मामला और पेचीदा हो गया है। ग्रामीण सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की साजिश कुछ व्यक्तियों द्वारा किए जाने की आशंका प्रकट कर रहे हैं।

प्रशासन ने कराई जमीन की मापी : मंगलवार दोपहर छौड़ाही अंचल निरीक्षक सुरेंद्र कुमार सिंह, छौड़ाही ओपी के एसआई एके ओझा, अंचल के दो सरकारी अमीन एवं अन्य अधिकारी पुलिस बल के साथ बड़ीजाना गांव पहुंचे। अधिकारियों ने ग्रामीणों के समक्ष जमीन की मापी प्रारंभ करवाई। सड़क किनारे जहां पीपल और तुलसी पौधा लगा हुआ है वहां से 60 फीट अंदर तक गैरमजरूआ आम जमीन पाई गई। जो खेसरा संख्या 241 में रजिस्टर में दर्ज है। प्रशासन जमीन मापी के बाद चारो बगल खूंटा-खंभा गाड़ उसे सरकारी संपत्ति करार दिया। अधिकारियों का कहना था कि तुलसी पौधा, पीपल पौधा, बजरंग बली की प्रतिमा एवं मरवा सड़क से 30 फीट के अंदर है। मरवा के 30 फीट बाद भी गैरमजरूआ आम भूमि है। उसके बाद मुस्लिम पक्ष के एक व्यक्ति का जमीन है।
 तुलसी पौधा हटाने की बात पर भड़के ग्रामीण : जमीन की मापी करने के बाद अधिकारियों ने ग्रामीणों से तुलसी पौधा एवं पीपल पौधा उखाड़कर हटाने की बात कही। जिस पर ग्रामीण भड़क गए। वहां मौजूद गंगाविशुन यादव, सुशील पासवान, मक्खन साह, मुकेश पासवान आदि का कहना था कि तुलसी एवं पीपल पौधा अपने आप उगा है। किसी के निजी या विवादित जमीन में भी नहीं है। जो अभी मापी से स्पष्ट हो गया है। जब हम ग्रामीणों ने इसे लगाया नहीं तो हटाएंगे कैसे। यह धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने की बात है। ग्रामीणों के कड़े तेवर देख अधिकारी वहां से नौ दो ग्यारह हो गए। फिलहाल मापी के बाद सरकारी खुटे खंभे के अंदर तुलसी और पीपल पौधा एवं धार्मिक संरचना यथावत हैं।

आवेदन वापस करने की गुहार : यह विवाद बड़ीजाना निवासी मोहम्मद कलाम द्वारा दिए एक आवेदन से प्रारंभ हुआ था। मोहम्मद कलाम अब आवेदन देने के बाद से ही मुकर गए हैं।
 इस संदर्भ में मोहम्मद कलाम द्वारा अंचलाधिकारी छौड़ाही को मंगलवार को दिए एक आवेदन से मामला और पेचीदा हो गया है। अंचलाधिकारी को दिए आवेदन में उन्होंने कहा है कि उनका बड़ीजाना निवासी मोहम्मद जसीम से विवाद रहा है। उक्त विवाद के समाधान के लिए उनसे एक कागज पर धोखा दे हस्ताक्षर कराया था। उन्हें अंधेरे में रखकर उक्त आवेदन उनके नाम से अंचलाधिकारी छौड़ाही को दिया गया था। मोहम्मद कलाम ने इस विवाद को साजिश बताते हुए उनके नाम से दिए गए आवेदन वापस करने की गुहार अंचलाधिकारी से लगाई है।

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