विवेक ठाकुर ने कहा गरीब की कोई जाति नहीं होती है। गरीब, गरीब होता है। अपने इस छोटे से कार्यकाल में सामाजिक रूप से अगड़ा व पिछड़ा को न देखते हुए बल्कि समाज के अंतिम व्यक्ति जैसे बाल-दाढ़ी बनाने वाले कि बच्ची, साधारण चालक के बच्चे ऐसे कई गरीब परिवार के छात्र-छात्राओं का इस कोटे के माध्यम से नामांकन कराया है। विवेक ठाकुर ने आग्रह करते हुए कहा जो व्यवस्था की सहूलियत हो उस अनुसार केंद्रीय विद्यालय में सांसद कोटा में निर्धारित 10 की संख्या को निश्चित रूप से बढ़ाया जाए। खासकर बिहार जैसे गरीब प्रान्त के लिए अतिआवश्यक है। यही प्रगतिशील और संवेदनशीलता का परिचय होगा।